मंथन-7 : हिंदी में रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकारों के लिए प्रशिक्षण कार्यशाला

दिनांक: अगस्त 8-9, 2022 
होटल कान्हा पाम स्प्रिंग्स, होशंगाबाद रोड भोपाल
भारत में कार्यरत केवल वैसे पत्रकारों के लिए जो हिंदी में लिखते और रिपोर्टिंग करते हैं


पहला सत्र : चारा - बेचारा

8 अगस्त, 10.00 अपराह्न से 12:30 पूर्वाह्न

भारत के किसानों एवं पशुपालकों को अपनी चपेट में लेनेवाले सूखे चारे की कमी का संकट - इसके कारण, इसके प्रभाव और किसानों एवं राज्य सरकारों का इसके प्रति रवैय्या। डाउन टु अर्थ हिंदी द्वारा की गई एक पड़ताल पर आधारित।

दूसरा सत्र : मानसून मैजिक

8 अगस्त, 1:30 - 3:30 पूर्वाह्न

भारतीय मानसून की कहानी - इसके जादू और रहस्य , जलवायु परिवर्तन से इसका संबंध और उसके निहितार्थ. डाउन टु अर्थ के मानसून स्पेशल हिंदी अंक पर आधारित.

तीसरा सत्र: चारे की खोज में

9 अगस्त, 7:00 अपराह्न से 2:00 पूर्वाह्न

चारे के संकट के पैमाने और इसकी प्रकृति और ज़मीनी स्थिति को समझने के लिए आधे दिन की लोकेशन विज़िट।

यहां रजिस्टर करें
https://forms.gle/FbSezgkTF2BP9CdN9

सीमित सीटें- कृपया जल्द से जल्द रजिस्टर करें

कृपया ध्यान दें :

  • यह ट्रेनिंग प्रोग्राम पूरी तरह से सीएसई द्वारा फंड किया गया है। चुने गए सारे प्रतिभागियों की यात्रा और रहने का शुल्क सीएसई द्वारा वहन किया जाएगा। हालांकि इस प्रोग्राम में सीटें सीमित हैं अतः इच्छुक पत्रकारों से अनुरोध है कि वे जल्द से जल्द आवेदन करें।
  • दो दिवसीय कार्यक्रम में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों को सीएसई की ओर से सर्टिफिकेट ऑफ पार्टिसिपेशन दिया जाएगा।

किसी भी जानकारी के लिए संपर्क करें :

सुकन्या नायर
दि सीएसई मीडिया रिसोर्स सेंटर
sukanya.nair@cseindia.org
8816818864


मंथन के बारे में

मंथन: यह सीएसई और अनिल अग्रवाल एनवायरमेंट ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (एएईटीआई) का ट्रेनिंग कोर्स है जिसे विशेष तौर से हिंदी मीडिया के लिए डिजाइन किया गया है। पर्यावरण संचार व प्रशिक्षण के लिए समर्पित एएईटीआई, हिन्दी पत्रकारों के लिए इस तरह की कार्यशालाएं आयोजित करते रहता है। पत्रकारों की स्टोरी को विश्वसनीय बनाने में आंकड़ों और डेटा की काफी महत्वपूर्ण भूमिका होती है।इसलिए हम बताते हैं कि जो कुछ भी हम रिपोर्ट के जरिए लिखकर या कहकर बताना चाहते हैं वह हम आंकड़ों के साथ कैसे प्रभावी तरीके से लिख या बता सकते हैं।

इसका उद्देश्य हिन्दी पत्रकारों में आंकड़ों की समझ को बढ़ाना और रिपोर्ट में आंकड़ों को रोचक व सरल तरीके से पेश करने की कौशल क्षमता को विकसित करना है ताकि रिपोर्ट को और भी प्रभावी तरीके से लिखा जा सके।

 

 

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डाउन टू अर्थ की पड़ताल
By: भागीरथ
वरिष्ठ उप संपादक,
डाउन टू अर्थ हिंद
चारे की अर्थव्यवस्था पर संकट
By: देव नारायण सिंह
सहायक प्रोफेसर, एग्रोनॉमी विभाग, उदय प्रताप कॉलज, वाराणसी
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सीनियर कार्यक्रम मैनेजर एवं सहाना श्रीनाथ, प्रोजेक्ट मैनेजर, फाउंडेशन फॉर ईकोलॉजिकल सिक्योरिटी, आणंद
सत्र दो : मानसून की कहानी
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विशेष संवाददाता डाउन टू अर्थ हिंदी
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