मंथन-5

जलवायु संकट वास्तविक है। इस वक्त दुनिया जिस नाजुक स्थिति में है, उसे बार-बार कई सांख्यिकीय और विश्लेषणात्मक अध्ययनों द्वारा चेताया गया है। इन्हीं रिपोर्ट में जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र अंतर-सरकारी पैनल (आईपीसीसी) की ताजा छठवी आकलन रिपोर्ट (एआर-6) का पहला भाग भी शामिल है।

पत्रकार के रूप में हिंदी में लिखते हुए हमारे सामने अक्सर यह दुविधा होती है कि जलवायु परिवर्तन की स्थितियों को बताने वाली रिपोर्ट में मौजूद विशाल संख्याओं और आंकड़ों को कैसे बेहतर तरीके से समझा जाए। इसके अलावा इन संख्याओं का इस्तेमाल रिपोर्ट के लिए कैसे किया जाए। सबसे अहम बात है कि हमसे जलवायु परिवर्तन के खतरों को समझने की उम्मीद लगाए हुए पाठकों को किस तरह से राजी किया जाए।

सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई) हिंदी में लिखने वाले पत्रकारों को मंथन-5 की कड़ी के लिए आमंत्रित करता है। यह प्रशिक्षण कार्यशाला पहली बार राजस्थान में अलवर के पास सीएसई की अत्याधुनिक आवासीय प्रशिक्षण सुविधा एएईटीआई में आयोजित होगा। 26वें यूएन कांफ्रेंस ऑफ पार्टीज (सीओपी) के ठीक बाद आयोजित हो रहे इस मंथन से आप यह भी समझ पाएंगे कि इस वैश्विक वार्ता में क्या खास हुआ।

मंथन में आपको यह सीखने को मिलेगा

1. डेटा रैपर का उपयोग करना

2. जलवायु के आंकड़ों की सोर्सिंग

3. एआर6 (पहला भाग) IPCC रिपोर्ट और इसकी सामग्री का परिचय

4. जलवायु संबंधी प्रमुख संकेतकों पर आंकड़ो और प्रवृत्तियों को समझना

5. जलवायु रिपोर्ताज की केस स्टडीज

6. कॉप 26 और उससे आगे – आने वाले महीनों में जलवायु की कुछ प्रमुख खबरें क्या हो सकती हैं

कृपया ध्यान दें
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम पूरी तरह से सीएसई द्वारा वित्त पोषित है। यात्रा और सभी चयनित प्रतिभागियों के आवास की व्यवस्था और भुगतान सीएसई द्वारा किया जाएगा। हालांकि, कार्यक्रम में सीमित सीटें हैं। जो भी पत्रकार इच्छुक हैं उनसे तत्काल आवेदन करने का अनुरोध किया जाता है। प्रतिभागियों के चयन पर सीएसई का निर्णय अंतिम होगा। अनिवार्य कोविड-19 सुरक्षाप्रोटोकॉल लागू होंगे (संलग्न दिशा-निर्देश देखें)।

Click to enlarge Click to enlarge
Click to enlarge Click to enlarge
 


किसी भी प्रश्न के लिए, संपर्क करें

सुकन्या नायर, सीएसई मीडिया रिसोर्स सेंटर
sukanya.nair@cseindia.org
8816818864

Tags: