बीमा जलवायु परिवर्तन और चरम मौसम की घटनाओं के प्रभावों का सामना करने के लिए एक प्रभावी उपाय हो सकता है। लेकिन क्या प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना जैसी बीमा योजनाएं वास्तव में काम कर रही हैं? बढ़ते सबूत बताते हैं कि ये योजनाएं चरम मौसम की बढ़ती तीव्रता के चलते तेजी से महंगी और लोगों की पहुंच से बाहर होती जा रही हैं।
हिंदी में लिखने वाले पत्रकारों के लिए सीएसई की विशेष कार्यशाला “मंथन” का 12वां संस्करण आयोजित हो रहा है। इसमें न सिर्फ विषय को गहराई से समझने का मौका मिलेगा बल्कि रिपोर्टिंग के व्यावहारिक तरीके भी बताए जाएंगे। इस कार्यशाला के लिए सीएसई और डाउन टू अर्थ की अनुभवी पत्रकारों और विषय विशेषज्ञों की टीम उपलब्ध होगी।
मंथन 12 की मुख्य बातें:
यह केवल हिंदी में काम करने वाले पेशेवर पत्रकारों के लिए है।
कृपया ध्यान दें :
अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें:
सुकन्या नायर
सीएसई मीडिया रिसोर्स सेंटर
sukanya.nair@cseindia.org
Mobile: 8816818864
डीटीई कवर स्टोरी | |
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जलवायु परिवर्तन की अनचाही लागत |
Report | |
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Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana - An Assessment |
प्रेजेंटेशन | |
बीमा जलवायु परिवर्तन का नया टिपिंग प्वाइंट अक्षित संगोमला |
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बीमा जलवायु परिवर्तन का नया टिपिंग प्वाइंट Climate Vulnerable Districts and PMFBY |
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बीमा जलवायु परिवर्तन का नया टिपिंग प्वाइंट शगुन |
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