मंथन-13: नए राज्य पुराना मर्ज

पच्चीस साल पहले, भारत के खनिज, जंगल और नदियों के मामले में सबसे अमीर तीन राज्य, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड और झारखंड स्वायत्तता, सम्मान और साझा प्राकर्तिक संपदा के वादे के साथ बनाए गए थे।

  • एक चौथाई सदी के बाद इन राज्यों में रहने वाले लोगों का क्या  हुआ ?
  • क्या उन्हें इस संपदा में उनके हक का हिस्सा मिला ?

डाउन टू अर्थ की नई कबर स्टोरी उन जगहों, समुदायों और संघर्षों पर आधारित है जिन्होंने पिछले 25 सालों में एक आकर दिया है।  यह रिपोर्ट ठोस आंकड़ों को सामने रखती है और कई संभावनाओं को उजागर करती है।

यह पत्रकारों व लेखकों के लिए आयोजित की जाने वाली विशेष कार्यशाला मंथन के  13वें संस्करण का मुद्दा यही है इन मुद्दों पर गहराई से लिखने या रिपोर्ट करने की कला सीखना चाहते हैं, तो आप कार्यक्रम में आमंत्रित हैं -

मंथन-13 की प्रमुख बातें

  • राज्य बनने के 25 सालों के बाद जमीनी स्थिति क्या है
  • समुदाय अपने सम्मान और अधिकारों के लिए कैसे लड़ना जारी रखे हुए हैं
  • जंगलों के कटान ,खनन, विस्थापन और पारिस्थितिक गिरावट के आंकड़े

यह केवल हिंदी में काम करने वाले पेशेवर पत्रकारों व लेखकों के लिए है

कृपया ध्यान दें:

  • यह एक निःशुल्क कार्यशाला है। रजिस्ट्रेशन के लिए कोई शुल्क नहीं है। संवाद का मंच जूम होगा। स्थान सीमित हैं, इसलिए जल्द रजिस्ट्रेशन कराएं
  • कार्यशाला पूरी करने वाले सभी प्रतिभागियों को सीएसई की ओर से ई-प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा

अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें:

सुकन्या नायर
सीएसई मीडिया रिसोर्स सेंटर
sukanya.nair@cseindia.org 
Mobile: 8816818864



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